चकल्लस
आजादी
पाकिस्तानी सरहद में घुस, हत्या किये हजार।
भारत इसका बदला ना ले, और जताता प्यार ।।
राजनीति में आ बैठे हैं कितने भ्रष्टाचारी।
घूसखोर, हत्यारे दागी, अगणित व्यभिचारी।।
मनमानी जब कमा रहे हैं, जमाखोर व्यापारी।
अन्न सैक़ड़ों टन सड़ जाता, समझ माल सरकारी।।
भारत में ऐसी ही होती, जम कर के बरबादी।
अन्य देश में ऐसा ही हो क्या, जिन्हें मिली आजादी।।
-डा. रुक्म त्रिपाठी
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